काशी की धार्मिक परंपरा और जन-आस्था को सम्मान देते हुए नगर निगम ने कज्जाकपुरा में नवनिर्मित रेल ओवरब्रिज का आधिकारिक नामकरण कर दिया है। अब यह ओवरब्रिज नगर निगम सहित सभी शासकीय अभिलेखों में ‘बाबा लाट भैरव सेतु’ के नाम से दर्ज किया जाएगा।इस संबंध में निर्णय पहले ही लिया जा चुका था, जिसे महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रस्ताव के पारित होने के बाद अब सभी सरकारी दस्तावेजों, शिलापट्टों, सूचना पट्टों और सार्वजनिक संबोधनों में इस ओवरब्रिज को ‘बाबा लाट भैरव सेतु’ के नाम से ही जाना जाएगा।
महापौर अशोक कुमार तिवारी ने कहा कि यह निर्णय काशी की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक आस्था को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि लाट भैरव क्षेत्र काशी की आध्यात्मिक पहचान का प्रमुख केंद्र रहा है और बाबा लाट भैरव के प्रति श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए ओवरब्रिज का नामकरण किया गया है।महापौर ने कहा कि शहर के विकास कार्य केवल भौतिक ढांचे तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि उनमें काशी की परंपरा, संस्कृति और आस्था का सम्मान भी झलकना चाहिए।
आधुनिक विकास परियोजनाओं के साथ सांस्कृतिक पहचान को जोड़ना नगर निगम की प्राथमिकता है।लगभग 1.356 किलोमीटर लंबा यह नवनिर्मित सेतु क्षेत्रीय यातायात को सुगम और निर्बाध बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। साथ ही ‘बाबा लाट भैरव सेतु’ नाम से जुड़ने के बाद यह ओवरब्रिज क्षेत्र की एक विशिष्ट पहचान के रूप में भी स्थापित होगा। नगर निगम का मानना है कि इस पहल से काशी में विकास और सांस्कृतिक चेतना के बीच संतुलन और मजबूत होगा।

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