काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के मालवीय भवन में गुरुवार को महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी बीएचयू की सांस्कृतिक, शैक्षणिक और रचनात्मक परंपराओं के साथ विज्ञान, प्रकृति और अध्यात्म के सुंदर समन्वय को प्रदर्शित करती है।पुष्प प्रदर्शनी में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों एवं विभागों द्वारा लगभग 400 प्रकार के पुष्पों एवं साग-भाजी की आकर्षक और कलात्मक प्रदर्शनियां लगाई गई हैं।
विशेषज्ञ जजों द्वारा इनका मूल्यांकन कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। महीनों की मेहनत और सतत देखभाल से तैयार यह प्रदर्शनी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। उद्घाटन के पश्चात कुलपति ने पुष्प एवं साग-भाजी प्रदर्शनी का अवलोकन कर कलात्मक एवं नवाचारी प्रयोगों की सराहना की।कुलपति प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा कि बीएचयू में विज्ञान, चिकित्सा, संस्कृति और अध्यात्म का समन्वित अध्ययन एवं अनुसंधान होता है।
इसी भावना के तहत इस वर्ष उद्यानिकी विभाग द्वारा पुष्पों से इसरो की प्रतिकृति एवं कलश का निर्माण किया गया है, जो विज्ञान और अध्यात्म के अद्भुत मेल को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी सौंदर्य के साथ-साथ समाज को ज्ञान और विज्ञान का संदेश भी देती है।तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी को देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में छात्र, शिक्षक, कर्मचारी और आम नागरिक पहुंचते हैं। इस वर्ष भी पहले दिन ही भारी भीड़ उमड़ी। महामना मालवीय जयंती पर आयोजित यह पुष्प प्रदर्शनी बीएचयू की सामूहिक साधना, अनुशासन और रचनात्मकता का जीवंत उदाहरण है।

.jpeg)
