डर्बीशायर क्लब के तत्वावधान में क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर के नेतृत्व में कलाकार उमराव जान की 88वीं पुण्यतिथि मनाई गई। यह कार्यक्रम सिगरा स्थित फातमान मस्जिद काली गुम्बज के पास उमराव जान के मकबरे पर आयोजित हुआ, जहां उपस्थित लोगों ने फातिहा पढ़ी और फूल-मालाएं चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर शकील अहमद जादूगर ने कहा कि फैजाबाद में पली-बढ़ीं उमराव जान, जिनका बचपन का नाम अमीरन था, ने लखनऊ में नृत्य और गायन की बारीकियां सीखकर नवाबी दरबारों में अपनी कला से विशेष पहचान बनाई। उन्होंने बताया कि जीवन के अंतिम समय में उमराव जान बनारस आकर एकांत जीवन बिताने लगीं और 26 दिसंबर 1937 को यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।
बरसी के अवसर पर शकील अहमद जादूगर ने राज्य सरकार से मांग की कि उमराव जान के मकबरे पर हाई मास्ट लाइट लगवाई जाए, ताकि यह ऐतिहासिक स्थल सदैव रोशन रहे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, आफाक हैदर, चिंतित बनारसी, विक्की यादव, बाले शर्मा और मोहम्मद राजू सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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