ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती केदार घाट स्थित विद्या मठ काशी में पत्रकारों से बातचीत में गंगा की अविरलता और निर्मलता में सुधार करने की बात कही उन्होंने कहा कि जो भी काशी आया गंगा के लिए कार्य करने वह सिर्फ किनारा साफ करके बोलते रहे कि हम गंगा के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने टेंट सिटी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार ने टेंट सिटी बना दिया और कह रहे कि गंगा को लाभ हो रहा । उन्होंने कहा कि गंगा तो उनकी धारा है और धारा में कितना परिवर्तन हुआ उसमें प्रदूषण में सुधार कितना हुआ उसका फ्लो कितना हुआ। और यह दोनों ही खराब हो गया हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तो गंगा के धारा पर कार्य करना चाहिए और गंगा की अविरलता और निर्मला पर ध्यान देना चाहिए।
राजनीतिक लोगों द्वारा सनातन धर्म पर लगातार बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर इसलिए लोग बोलने लगे हैं क्योंकि इसका नेतृत्व करने वाला कोई नहीं रह गया है।अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की अंतिम इच्छा थी कि 10 हजार बच्चों का एक गुरुकुल बनाया जाए और उसको ठीक से चलाया जाए जिससे भारतीय संस्कृति की शिक्षा उन बच्चों को मिल सके। इसीलिए हम लोग चाहते हैं कि बच्चों को भारतीय संस्कृति की शिक्षा गुरुकुल पद्धति के माध्यम से दी जाए। 10 हजार बच्चों का एक परिसर स्थापित करके उसमें अध्ययन और अध्यापन किया जाएगा।