काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव जी का वार्षिक शृंगार महोत्सव एवं भण्डारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर बाबा की नैनाभिराम झांकी सजायी गयी। महोत्सव का शुभारम्भ प्रातः 5 बजे से महंत पं० सुमित उपाध्याय ने बाबा को पंचामृत स्नान एवं नवीन वस्त्र धारण कराकर मनमोहक झांकी सजाकर मंदिर का कपाट भक्तों के लिये खोला गया वहीं कालभैरव मंदिर चौराहे पर भण्डारे का आयोजन देर रात तक चलता रहा। मंदिर के पूर्व महंत स्व० प्रदीपनाथ उपाध्याय को मंदिर प्रांगण में श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
दोपहर भोग आरती के बाद बाबा को नया रजत मुखौटा लगाकर भव्य स्वरूप झांकी सजायी गयी। विभिन्न प्रकार का मिष्ठान, फल, पकवान, मदिरा, भोग लगाकर आरती कर पुनः कपाट खोला गया। कपाट खुलते ही बाबा के जयकारे से समूचा क्षेत्र गूंज उठा। अपरान्ह 4 बजे से चारों वेदों की ऋचाओं से बाबा की बसंत पूजा की गयी। इसी क्रम में भजन संध्या,का आयोजन हुआ आलोक नादान के संगीत पर बाबा के भक्त झूम उठे। मध्यरात्रि में सवा लाख बत्तियों से बाबा की महाआरती की गयी। इस अवसर पर बाबा का दरबार कामिनी की पत्ती एवं देशी विदेशी फूलों से जहां अलौकिक रहा, वहां मंदिर के आने वाले मार्गो में आकर्षक सजावट की गयी थी।
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