महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित संगोष्ठी में बाल संरक्षण मुद्दों पर हुई चर्चा

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आज देशभर में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा तथा बाल कल्याण वत्सल भारत पर 7वीं क्षेत्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया। यह कार्यक्रम बीएचयू स्थित स्वतंत्रता भवन में आयोजित किया गया। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से एनजीओ की टीम पहुंची। कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौजूद रहे। देश के विभिन्न कोनों से कुछ 1500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। संगोष्ठी में बाल कल्याण समितियों, किशोर न्याय बोर्ड, ग्राम बाल संरक्षण समिति के सदस्यों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय संगोष्ठियों की श्रृंखला का हिस्सा है।

कार्यक्रम का शुभारंभ सांस्कृतिक मंत्रालय के तरफ से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। "राग अहीर भैरव" की प्रस्तुति तीन युवा बीएचयू के शोध कलाकारों द्वारा किया गया। द्वितीय प्रस्तुति भरत नाट्यम की रही। तृतीय प्रस्तुति राहुल मुखर्जी की टीम द्वारा ओडिसी नृत्य की रही। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आज हम सभी काशी में महामना के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इस समागम का आयोजन करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ हैं। 

हमें खुशी है कि देश के विभिन्न कोनों से लोग यहां शामिल होने पहुंचे हैं। वर्ष 2014 के बाद से अब तक बाल कल्याण के लिए कई महव्पूर्ण कार्य किए गए हैं। मिशन वत्सल्य और किशोर न्याय अधिनियम में बदलाव के कारण बाल संरक्षण कार्यकर्ताओं का सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के कारण पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन जैसी महत्वाकांक्षी योजना बन पाई। भारत का किशोर न्याय अधिनियम काफी वृहद है, हम सबों को मिलकर इसके लिए धरातल पर काम करना है।

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