कठिन से कठिन परिस्थितियों में बेपटरी हो गयी शैक्षणिक व्यवस्था में अभूतपूर्व परिवर्तन कर समाज को नई दिशा केवल शिक्षक ही दे सकता है। चरित्र निर्माण में इनकी महती भूमिका परिलक्षित होती है। यह उद्गार स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने व्यक्त किया, मौका था शिक्षक-सम्मान समारोह का। समारोह की शुरूआत स्वामी हरसेवानन्द पब्लिक स्कूल बनपुरवां के प्रांगण में शिक्षाविद् डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुई।
शिक्षक दिवस की पूर्व सन्ध्या पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन कर विद्यालय प्रबन्धन ने एक नई ऊर्जा का संचार किया। उक्त कार्यक्रम में सभी शाखाओं के शिक्षक, शिक्षिका व शिक्षणेत्तर कर्मचारी शामिल होकर आयोजन का लुत्फ उठाते नजर आये। प्रबन्धन की ओर से आमंत्रित सभी शिक्षक, शिक्षिका व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को पुष्पाहार अंगवस्त्रम् व उपहार देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर वाराणसी, मीरजापुर सोनभद्र की सभी शाखाओं से आये लगभग 250 शिक्षकों के समूह को सम्मानित कर उन्हें सम्बोधित करते हुए प्रबन्धक बाबा प्रकाशध्यानानन्द ने कहा कि शैक्षणिक जगत में आयी नई शिक्षा नीति के क्रान्तिकारी नीतियों से भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में शिक्षकों को पहल करनी होगी। क्योंकि शिक्षक शैक्षणिक व्यवस्था में मेरूरज्जु के समान कार्य करते हैं। इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में कजरी, नृत्य तथा बालिकाओं द्वारा नाटक एवं गायन शैली में ढेर सारी प्रस्तुतियां हुई।
इस अवसर पर विद्यालय समूह के प्रधानाचार्यगण सी०एस० सिंह, डॉ ए०के० चौबे, रचना अग्रवाल, डॉ० सन्तोष कुमार चौबे, अशोक कुमार वर्मा, नीरज श्रीवास्तव सहित सभी शिक्षक, शिक्षिका व शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। स्वागत भाषण बनपुरवां शाखा के प्राचार्य डॉ० अजय कुमार चौबे, कार्यक्रम का संचालन शारदा प्रसाद शुक्ला ने तथा धन्यवाद ज्ञापन छात्रावास अधीक्षक ले० एम०एस० यादव (रि०) ने किया।