काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एवीबीपी के छात्रों द्वारा केन्द्रीय कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी किया जा रहा हैं। धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि 2 नवंबर को परिसर में IIT BHU की एक छात्रा के साथ छेड़खानी की शर्मनाक घटना घटित हुई। छात्रों का कहना है कि छात्रा को न्याय मिले। वहीं आईआईटी बीएचयू और बीएचयू के बीच दीवार चलने का विरोध किया। अभय सिंह ने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही एवं सुरक्षा की अनदेखी के कारण इस तरह की घटनाएं आए दिन परिसर में होती हैं। इसका प्रमुख कारण सुरक्षाकर्मियों की कमी, CCTV सहित अन्य संसाधनों की कमी एवं परिसर में रात्रिकालीन बड़े पैमाने पर बाहरी अराजक तत्वों का जमावड़ा है। परिसर में सुरक्षा व्यवस्था सुचारू करने हेतु अनेकों कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृति न हो।
पुनीत मिश्रा ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी का वह विचार है जिसने वर्ष 1916 में ही आज वर्तमान की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की नीव रखी थी जिसमें एक ही परिसर से सम्पूर्ण विषयों की शिक्षा की व्यवस्था बनाई गई थी एवं यह कोई सामान्य विश्वविद्यालय परिसर नहीं है। उन्होंने कहा परिसर के किसी भी भाग में होने वाली आपराधिक घटना संपूर्ण परिसर की छात्राओं एवं छात्रों के लिए असुरक्षा का विषय है एवं इसका समाधान महामना के बनाए परिसर को विभाजित करने से नहीं है बल्कि सुरक्षा के लिए और बेहतर व्यवस्था बनाने से है। ABVP के छात्रों ने तीन सूत्रीय मांग की जिसमे बीएचयू परिसर में सभी चौराहों पर तत्काल उन्नत श्रेणी के CCTV कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने । वर्तमान में लगे CCTV कैमरों की गुणवत्ता की भी जांच हो।परिसर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए जो की पूर्व में कम किए गए थे। और परिसर में सायंकालीन बाहरी अराजक तत्वों के जमावड़े को प्रतिबंधित करने के साथ ही वाहनों के प्रवेश को रोका जाए। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में विभाजन करने के प्रस्ताव पर तत्काल रोक लगाई जाए। एवीबीपी इकाई अध्यक्ष अभय सिंह ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय महामना का साक्षात विग्रह है। उसे बाटने की बात करने वाले जिन्नावादी सोच के लोग हैं। छात्र इसे स्वीकार नहीं करेंगे। छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय का हर एक छात्र इसका विरोध करेगा। सारे छात्रों ने कहा कि आईआईटी की छात्रा के साथ जो घटना हुई हैं। वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। आईआईटी बीएचयू प्रशासन और पुलिस प्रशासन को अपराधियों की तलाश और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करना चाहिए। लेकिन महामना की बगिया में बटवारा यह कौन सा उपाय है। छात्रों ने कहा कि इस निर्णय का हम विरोध करते हैं। आपको बता दे की 2 नवंबर की रात्रि को गांधी चौक के पास एक छात्रा के साथ कुछ बाहरी तत्वों द्वारा छेड़खानी की गई इस बात का पता जब अन्य छात्र-छात्राओं को लगा तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और गुरुवार से इस बात को लेकर छात्र लामबद्ध हो गए और जमकर धरना प्रदर्शन करते हुए न्याय की गुहार लगाई अब उन छात्रों के साथ विभिन्न छात्र संगठन जुड़ गए हैं और वह अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं धरना प्रदर्शन के क्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अलावा एनएसयूआई के छात्र-छात्राओं ने भी इस बात का जमकर विरोध किया।
गुस्साए एनएसयूआई के छात्रों ने डीएसडब्ल्यू के बाहर विश्वविद्यालय के कुलपति सुधीर जैन का पुतला फूँका। छात्रों ने विश्वविद्यालय कुलपति और विद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की छात्रों की मांग रही की विश्वविद्यालय में सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए जाएं छेड़खानी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए छात्रों का कहना रहा कि हम बीएचयू और आईआईटी केंपस के बीच बाउंड्री वॉल के खिलाफ है छात्रों ने बाउंड्री ना होने देने की चेतावनी दी है।वहीं सबके बीच डीसीपी जोन का कर्स गौतम ने कहा कि टीम गठित कर दी गई है आरोपियों की धर पकड़ के लिए प्रयास किया जा रहा है छेड़खानी की घटना की शिकायत लंका थाने में दर्ज की गई है छात्रों की मांगों से संबंधित ज्ञापन भी मिला है मांगों पर तत्काल कार्रवाई को लेकर पुलिस आईआईटी प्रशासन से संपर्क कर रही है।