लद्दाख में सोनम वांगचुक के क्लाइमेट फास्ट के समर्थन में साझा संस्कृति मंच ने राष्ट्रपति को दिया ज्ञापन

साझा संस्कृति मंच के द्वारा जिलाधिकारी वाराणसी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा गया. यह ज्ञापन लद्दाख में सोनम वांगचुंग के क्लाइमेट फ़ास्ट द्वारा उठाये गए मुद्दों के समर्थन में सौंपा गया, जिसमे उक्त आन्दोलन की सभी मांगो को तत्काल पूरा किये जाने की अपील राष्ट्रपति से की गयी. सदस्यों ने कहा कि लद्दाख़ के नागरिक अपने पर्यावरण और राज्य को बचाने के लिए आंदोलित है। सोनम वांगचुक 6 मार्च 2024 से 26 मार्च तक भूख हड़ताल पर बैठे रहे, जिनके समर्थन में लद्दाख़ के 10 हजार से अधिक नागरिक निरंतर सड़कों पर हैं। लद्दाख़ अपने जैव विविधता, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय संस्कृति के लिए जाना जाता है। 

धारा 370 खत्म होने के बाद लद्दाख़ को बड़े कॉरपोरेट घरानों के लूट के लिए खोल दिया गया है जिससे वहाँ के पर्यावरण पर बुरा असर हो रहा है तथा स्थानीय लोगों को आजीविका भी प्रभावित हुई है। इस आन्दोलन ने स्पष्ट तौर पर यह भी उल्लेखित किया है कि चीन हमारी सीमा के अंदर घुस आया है और लद्दाख में हमारे देश का एक अहम् भूभाग उसके कब्जे में है। यह लद्दाख़ और पूरे देश की सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मसला है जिसे सोनम वांगचुक समेत लद्दाख़ के नागरिकों द्वारा उठाया जा रहा है। ज्ञापन देने के क्रम में जुटे साझा संकृति मंच के सदस्यों ने बताया कि बनारस के लोग लद्दाख़ के नागरिकों के इस आंदोलन का समर्थन करते हैं। सोनम वांगचुक के अनशन को कुल 21 दिन पूरे हो गए हैं लेकिन सरकार इस पूरे मामले पर उदासीन रवैया अपनाए हुए है। इन्ही मुद्दों की तरफ राष्ट्रपति का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश में ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से राम जनम, वल्लभाचार्य पाण्डेय, जागृति राही, अनूप श्रमिक, सिस्टर फ्लोरिन, नन्दलाल मास्टर समेत अन्य लोगों ने हिस्सा लिया.

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