धर्म की नगरी काशी के अस्सी घाट के समीप ही भगवान जगन्नाथ का 1740 में बना मंदिर विराजमान है।मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित राधे श्याम पांडे से बात करने पर उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात में भगवान का सिंहासन छत के ऊपर सजाया जाएगा।
भगवान उसी पर विराजमान होंगे और शनिवार को प्रातः काल भगवान का विधि विधान से पूजन आदि होगा और उसके बाद भगवान को स्नान कराया जाएगा उसके बाद जनता भगवान का दर्शन दिन भर करेगी भगवान का स्नान सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक चलेगा।
जिससे भगवान की तबियत खराब हो जाएगी रात में भगवान अज्ञात वास में रहेंगे सुबह भगवान को काढ़ा दिया जाएगा ये क्रम 14 दिनों तक चलेगा जिसमें प्रभु किसी को 14 दिनों तक दर्शन नहीं देंगे और इसके बाद 3दिन का विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा का मेला चालू हो जाएगा।।
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