डीएवी पीजी कॉलेज में स्व. पी.एन. सिंह यादव की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी हुई आयोजित

वृक्ष भले ना लगाइयें लेकिन उन्हें काटिए मत, नदियों को दूषित करना छोड़ दे तो साफ करने की आवश्यकता ही ना पड़े। यह प्रकृति का संदेश है कि जब हम प्रकृति से छेड़छाड़ नही करेंगे तो प्रकृति स्वयं हमारा पोषण करेगी। उक्त विचार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की समाज विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. बिन्दा दत्तात्रेय परांजपे ने डीएवी पीजी कॉलेज में सामाजिक न्याय के महान योद्धा रहे समाजसेवी स्व. पी.एन सिंह यादव की बीसवीं पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर आयोजित ‘आज का युवा और पर्यावरण‘ विषयक संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त की। प्रो. बिन्दा ने कहा कि पर्यावरण को लेकर युवाओं में दृष्टि विकसित करने की जरूरत है। 

पर्यावरण की संरक्षा भारतीय संस्कृति का अहम अंग रहा है, स्व. पी.एन सिंह यादव का जीवन भी जितना सामाजिक न्याय के लिए समर्पित रहा उतना ही पर्यावरण के प्रति भी रहा।  संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पद्मश्री एवं कृषि वैज्ञानिक चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि पर्यावरण के साथ साथ मानव जीवन को संरक्षित करना है तो हमें प्राकृतिक खेती की तरफ लौटना होगा। विषय स्थापना करते हुए महाविद्यालय के मंत्री/प्रबन्धक अजीत कुमार सिंह यादव ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनो का सबसे अधिक दोहन मानव समाज ने किया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी प्राचार्य प्रो. सत्यगोपाल ने की। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं स्व. पी.एन सिंह यादव के चित्र पर पुष्पांजली से हुआ। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उपाचार्य प्रो. मिश्रीलाल एवं डॉ. राहुल ने किया। संचालन प्रो. संगीता जैन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वाति सुचरिता नन्दा ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष रतन लाल, डॉ. लल्लन प्रसाद जायसवाल, प्रो. ऋचारानी यादव, प्रो. मधु सिसोदिया सहित समस्त अध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राए उपस्थित रहे।






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