जौनपुर : श्रीमद् भागवत कथा मे कपिल चरित्र, सती चरित्र इत्यादि प्रसंग का हुआ भावपूर्ण वर्णन

ग्राम खलीलपुर जौनपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास प्रवीण पाण्डेय जी महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते है। उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना ही एक मात्र मुक्ति पाने का उपाय है। उन्होंने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया। स्थानीय ग्राम खलीलपुर  में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने जीवन में सत्संग व शास्त्रों में बताए आदर्शों का श्रवण करने का आह्वान करते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। 

उन्होंने कहा कि व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। व्यासपीठाधीश्वर ने  बुधवार को भागवत कथा के दौरान कपिल चरित्र, सती चरित्र, धुर्व चरित्र, जड़ भरत चरित्र, नृसिंह अवतार आदि प्रसंगों पर प्रवचन करते हुए कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है। उन्होंने भगवत कीर्तन करने, ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया। भजन मंडली की ओर से प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रोता भाव विभोर होकर नाचने लगे। 

खलीलपुर गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा  व्यास प्रवीण पाण्डेय जी महाराज ने कहा कि वैराग्य मानव को ज्ञानी बनाता है। वैराग्य में मानव संसार में रहते हुए भी सांसारिक मोहमाया से दूूर रहता है। उन्होंने वाराह अवतार सहित अन्य प्रसंगों पर प्रवचन किए। इससे पूर्व यजमान सावित्री सिंह ,राम विलास सिंग,आशा देवी  की ओर से पूजा-अर्चना की गई। इसी प्रकार कथास्थल पर सैकड़ों भक्त कथा सुन कर भाव विभोर होते हुए कभी नाचते कभी तालियां बजा कर झूमते नजर आए आज की कथा में क्षेत्र से सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने अपनी सहभागिता दी और अंत मे भजन और आरती के बाद प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ ।



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