काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता डॉ मृत्युंजय तिवारी 'आजाद' छात्र परिषद के पूर्व सदस्य अभिषेक सिंह एवं अभय सिंह 'मिक्कू' ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉक्टर सौरभ सिंह ने ट्रामा सेंटर को अपनी व्यक्तिगत जागीर बना लिया है ,और इसी मानसिकता से ग्रस्त होकर उन्होंने विगत 26 में को चिकित्सक- शिक्षकों के साथ बदसलूकी करायी।ट्रामा सेंटर में कार्यरत बाउंसर को डॉक्टर सौरभ सिंह अपने व्यक्तिगत लठैत की तरह उपयोग करते हैं तथा मरीजो ,तीमारदारो ,शिक्षकों, छात्रों को हड़काना -धमकाना इनका पुराना शगल है ।छात्र नेताओं ने कहा कि यदि समग्रता में सोचा जाए तो मात्र एक आदमी की कारस्तानी के कारण प्रधानमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट ट्रॉमा सेंटर लोगों की पीड़ा दूर करने के केंद्र के बजे एक यातना गृह बन गया है। छात्र नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार का आलम यह है कि करोड़ों रुपए की सरकारी धन से मुफ्त इलाज का दवा खरीद करने वाले ट्रामा सेंटर में मामूली उपचार में भी लोगों को अपना खेत बेचकर लाखों रुपए इलाज पर खर्च करना पड़ रहा है।ऑर्थोपेडिक इंप्लांट के नाम पर हर मरीजो से लाखों रुपए की वसूली करने की दृष्टि से ट्रामा सेंटर में एकाधिकार की व्यवस्था को प्रभारी ने जानबूझकर लागू किया है। छात्र नेताओं ने कहा कि ट्रामा सेंटर में नियुक्त बाउंसर का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं कराया गया है उनमें से कई आपराधिक मनोवृत्ति के हैं जिसके कारण आए दिन अध्यापक ,चिकित्सक,छात्र, मरीज तथा उनके तीमारदार को जलालत झेलनी पड़ती है ।चिकित्सक शिक्षक को इन्हीं अपराधिक प्रवृत्ति के बाउंसरों ने उच्च अधिकारी की इशारे पर बेइज्जत किया ।छात्र नेताओं ने कहा कि पूर्व कुलपति सुधीर जैन ने ट्रामा सेंटर के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए सैकड़ो करोड़ों रुपए का धन गबन करने के उद्देश्य से ट्रामा सेंटर प्रभारी का वैधानिक पद बनाया, जो वर्ष 2018 कार्यकारिणी परिषद के द्वारा बनाए गए एक्ट का उल्लंघन है ।छात्र नेताओं ने कहा कि नियमानुसार ट्रामा सेंटर का संचालन चिकित्सा विज्ञान संस्थान का निर्देशक गर्वनिंग बॉडी के अध्यक्ष के रूप में करेगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के किसी भी एक्ट या अधिनियम में प्रोफेसर प्रभारी जैसा कोई वैधानिक पद नहीं है यह वाक जाल मात्र और मात्र केवल सेंटर के धन का गबन करने के उद्देश्य से रचा गया है। छात्र नेताओं ने ट्रामा सेंटर तथा सरसुंदर लाल चिकित्सालय की कार्य पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम किसी भी तरह के माफिया गठजोड़ को महामना मदन मोहन मालवीय के प्रांगण में नहीं पनपने देंगे। छात्र नेताओं ने माँग किया कि विगत दशकों में जेल में बंद माफियाओं को धन लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती करके उन्हें ऐशगाह का प्रदान करने वाले डॉक्टरो के व्यक्तिगत संपत्ति तथा उनके भू संपत्ति की जांच करायी जाए ।छात्र नेताओं ने कहा आम आदमी के हित का गला घुटने वाली तथा माफियाओं को वी आई पी इलाज देने वाली इस व्यवस्था को बदलने के लिए हमारा यह संघर्ष चल रहा है। वक्ताओं ने कहा कि ट्रामा सेंटर में जैम पोर्टल के माध्यम से ₹10 के साबुन को ₹50 में तथा ₹2 के डिस्पोजेबल इंजेक्शन को ₹50 में खरीदने का खुलासा सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के देख रेख में प्रोफेसर पी एस त्रिपाठी तथा यू एस उपाध्याय कमेटी के जांच में पाया गया है।
उसे कमेटी के रिपोर्ट को कुलपति सुधीर जैन ने दबा दिया था। उसे सार्वजनिक कराकर दंड सुनिश्चित करने के लिए हम कटिबंध हैं ।सेंट्रल विजिलेंस ऑफिसर काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने उस रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही करने का आग्रह कई बार कुलपति से किया गया। इस रिपोर्ट को दबाया जाना ही दाल के काले होने का स्पष्ट प्रमाण है। छात्र नेताओं ने कहा कि ट्रामा सेंटर और सर सुंदरलाल चिकित्सालय को मरीज मित्रवत बनाने के लिए सबसे पहले बाउंसर को हटाकर उनकी जगह शांति सैनिक नियुक्त किया जाए। 26 मई की घटना काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए एक शर्मनाक धब्बा है जिसकी जांच उचित ढंग से करने के लिए ट्रामा सेंटर के प्रभारी को उनके पद से बर्खास्त किया जाए तभी अधीनस्थ कर्मचारी बिना किसी दबाव के अपना बयान दर्ज करा सकेंगे। छात्र नेताओं ने कहा कि आंदोलन की प्रथम चरण में हमने 300 छात्रों के साथ केंद्रीय कार्यालय को घेरा था ।आंदोलन के दूसरे चरण में आगामी 8 जून के सायं काल काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार शुक्ल के नेतृत्व में छात्रों, पूर्व छात्रों, नागरिकों ,पत्रकारों ,जनप्रतिनिधियों अधिवक्ताओं, चिकित्सकों ,शिक्षकों के द्वारा एक मौन जुलूस निकालकर ट्रामा सेंटर तथा सर सुंदरलाल चिकित्सालय के प्रशासनिक गुंडागर्दी पर रोष व्यक्त किया जाएगा। छात्र नेताओं ने कहा कि पत्र लिखकर प्रधानमंत्री जी को समस्त घटनाओं से अवगत करा दिया गया है ।हम उनके संसदीय क्षेत्र के महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदाता संस्था ट्रामा सेंटर को बर्बाद होने से बचाने के लिए कटिबंध है। हमारी मांगे निम्नवत है ।-
1- अवैधानिक ट्रामा सेंटर प्रभारी का पद समाप्त कर समस्त अधिकार निदेशक चिकित्सा विज्ञान संस्थान को सौपा जाए ।
2-26 मई को चिकित्सक- शिक्षकों के अपमान की निष्पक्ष जाँच हेतु डॉक्टर सौरभ सिंह को बर्खास्त कर कार्य मुक्त किया जाए।
3-केंद्र सरकार द्वारा ट्रामा सेंटर को निर्गत धन के घोटाले की जांच के लिए गठित प्रोफेसर पी एस त्रिपाठी तथा यू एस उपाध्याय कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दंड सुनिश्चित किया जाए ।
4-प्राइवेट पैथोलॉजी की व्यवस्था बंद कर बी एच यू के पैथोलॉजी विभाग से ही पुरानी व्यवस्था की तरह सभी रक्त ,मल-मूत्र ,सीरम की जांच की सुविधा बहाल की जाए। 5-ब्लड बैंक को चौपट करने वाले तथा सर सुंदरलाल चिकित्सालय को प्रशासनिक गुंडागर्दी का केंद्र बनाने वाले के के गुप्ता को चिकित्सा अधीक्षक पद से पद मुक्त किया जाए।6- निजी हाथों में अस्पताल को सौंप कर घोटालों का केंद्र बनाने की प्रक्रिया बंद की जाए ।
7-मुफ्त इलाज के केंद्र सरकार के आयुष्मान योजना में अनावश्यक बाधा उत्पन्न करने वाली सरसुंदर लाल चिकित्सालय तथा ट्रामा सेंटर की प्रशासनिक व्यवस्था बदली जाये।
8-अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखी जाये। उसे मैरीज मित्रवत बनाते हुए बाउंसर हटाकर शांति सैनिक नियुक्त किया जाए।
9- प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मरीज तथा तीमारदारो के साथ बदसलूकी बंद करने हेतु कठोर नियम बनाए जाएं।
10-आपातचिकित्सा के मामले में केंद्र सरकार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था पूर्ण रूप में सुनिश्चित की जाए।