वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। जोनल अधिकारी सिंह गौरव जयप्रकाश, जूनियर इंजीनियर (JE) अशोक यादव और आउटसोर्सिंग कर्मचारी मोहम्मद अनस को रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इन तीनों को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे चौकाघाट स्थित जिला जेल में बंद हैं।25 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़े गएतीनों आरोपियों ने अवैध निर्माण पर छूट देने के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता अजय गुप्ता ने एंटी करप्शन विभाग को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद 18 जुलाई को जाल बिछाया गया। योजना के तहत अजय गुप्ता ने 25 हजार रुपये अनस की कार (UP 65 ES 7775) की डिग्गी में रखे और जैसे ही अनस ने पैसे उठाए, एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में अनस ने बताया कि वह यह रकम जोनल अधिकारी और जेई के कहने पर ले रहा था। इसके बाद दोनों अधिकारियों को भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया।रामनगर निवासी से की गई थी अवैध वसूली की कोशिशरामनगर के संगत मैदान निवासी अजय गुप्ता की पंचवटी क्षेत्र में छह हजार वर्ग फीट की जमीन है, जिसे उन्होंने किराए पर चंचल चौरसिया को दी थी। चार हजार वर्ग फीट में ढाबा बना हुआ था। इस पर वीडीए के अधिकारी कथित रूप से अवैध निर्माण का हवाला देकर 50 हजार रुपये की मांग करने लगे। भुगतान में देरी पर नोटिस जारी कर दबाव बनाया गया और बार-बार ढाबे पर आकर मुफ्त में खाना भी खाते रहे।
सरकारी कार्रवाई: सस्पेंशन और जांचघटना के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई हुई।जोनल अधिकारी और जेई को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है।दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं और अपर आयुक्त प्रशासन को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।आउटसोर्सिंग पर कार्यरत मोहम्मद अनस की सेवा वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने समाप्त कर दी है।जल्द ही जेल में बंद दोनों अधिकारियों को आरोप पत्र तामील कराया जाएगा।