उत्तर प्रदेश में इस बार मानसून जमकर मेहरबान हुआ है। लगातार बारिश के चलते नदियां और नाले उफान पर हैं। प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, फतेहपुर समेत 24 जिलों के 1,245 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। फतेहपुर में यमुना नदी की तेज धारा में 20 टन वजनी पीपों का पुल बह गया। अब तक राज्य भर में 360 मकान ढह चुके हैं।लखनऊ में लगातार छठे दिन बारिश जारी है और अगले तीन घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। बलिया में बारिश और बाढ़ के बीच एक अनोखी शादी देखने को मिली—दूल्हा नाव पर बारात लेकर बिहार से दुल्हन लेने पहुंचा।वाराणसी में गंगा का जलस्तर हर घंटे करीब 2 सेमी घट रहा है, लेकिन अभी भी डेंजर लेवल (71.26 मीटर) से 72 सेमी ऊपर बह रही है। जलस्तर 71.98 मीटर रिकॉर्ड किया गया है। दूसरी ओर प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान से लगभग 1 मीटर ऊपर बह रही थीं, लेकिन अब उनमें कमी आनी शुरू हो गई है।बुधवार शाम तक के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में यूपी के 60 जिलों में औसतन 13.4 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य (7.8 मिमी) से 71% ज्यादा है। 1 जून से 6 अगस्त तक प्रदेश में 437.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो अनुमानित 401.9 मिमी से 9% अधिक है।वाराणसी के ऊंचवा और शक्कर तालाब इलाके में बाढ़ पीड़ित 12 परिवार टेंट में शरण लिए हुए हैं। महिलाओं का कहना है कि शिविरों में बच्चों के साथ जगह नहीं मिली और अभी तक कोई राहत सामग्री भी नहीं पहुंची है।प्रयागराज में जलस्तर में गिरावट के बाद प्रशासन ने सफाई और राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने बताया कि गंगा और यमुना का जलस्तर घट रहा है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें तैनात हैं। नगर निगम द्वारा सफाई और कीटनाशक छिड़काव का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।7 अगस्त की सुबह गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 मीटर, छतनाग में 83.41 मीटर और बक्सी बांध एसटीपी के पास 84.02 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे आ चुका है। यमुना का जलस्तर भी घटकर 84.08 मीटर हो गया है।प्रशासन लगातार निगरानी में है और राहत कार्य जारी हैं, लेकिन फिलहाल कई परिवारों के लिए हालात अभी भी मुश्किल बने हुए हैं।