रक्षाबंधन का त्योहार हमेशा भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक रहा है। लेकिन जब भाई देश की सीमा पर तैनात हो और बहन उससे मिल न पाए, तब रिश्तों की डोर को निभाना और भी खास हो जाता है।
काशी में इस बार का रक्षाबंधन कुछ ऐसा ही देखने को मिला, जब शहर की बहनों ने देश सेवा में तैनात भारतीय सेना के फौजियों की कलाई पर राखी बाँधकर उन्हें सच्चे दिल से राखी का उपहार दिया। इस आयोजन में शामिल फौजी भाइयों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा "ऐसा लग रहा है जैसे हम अपने घर पर हैं। काशी की बहनों ने हमें बहन की कमी बिल्कुल महसूस नहीं होने दी।" बहनों ने न केवल राखी बाँधी, बल्कि तिलक, आरती और मिठाई के साथ पूरी विधिपूर्वक रक्षाबंधन मनाया।
फौजी भाइयों ने बहनों को धन्यवाद स्वरूप एक-एक पौधा उपहार में दिया, और संकल्प लिया कि "हर बहन के नाम एक पौधा लगाएंगे, ताकि उनका स्नेह सालों साल प्रकृति में जीवित रहे।" इस आयोजन के ज़रिए न सिर्फ भाई-बहन का रिश्ता सशक्त हुआ, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया।

