उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर: नदियां उफान पर, बाढ़ से 402 गांव प्रभावित

उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रदेश के प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर समेत 21 जिलों के 402 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। बीते 24 घंटे में बारिश और बाढ़ से जुड़े हादसों में 16 लोगों की मौत हुई है, जबकि अब तक 343 मकान पूरी तरह से ढह चुके हैं। लखनऊ, प्रयागराज समेत 10 शहरों में लगातार चौथे दिन रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। कानपुर, प्रयागराज सहित 21 जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। प्रदेश का सबसे बड़ा रिहंद बांध ओवरफ्लो हो चुका है और उसके 7 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।हापुड़ में एक जर्जर सरकारी स्कूल की इमारत अचानक भरभराकर गिर गई, हालांकि संयोग से वहां से गुजर रही एक महिला बाल-बाल बच गई। बिजनौर में एक मकान का लेंटर गिरने से घर में सो रहे परिवार के सात लोग मलबे में दब गए, जिन्हें तीन घंटे चले बुलडोजर रेस्क्यू अभियान के बाद निकाला गया। वहीं, मालन नदी का पानी पुल के ऊपर बह रहा है। स्कॉर्पियो से पुल पार करते समय तीन लोग फंस गए। पानी गाड़ी के बोनट तक भर गया और गाड़ी बहने लगी, लेकिन स्थानीय लोगों ने रस्सी की मदद से उसे बाहर निकाल लिया।वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह खतरे के निशान से 79 सेमी ऊपर बह रही है। मणिकर्णिका घाट डूब चुका है और अस्सी घाट की सड़कों पर एक फीट तक पानी भर गया है। वरुणा नदी के उफान के कारण करीब 30 हजार लोग प्रभावित हुए हैं,

 जिन्हें नावों से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियां खतरे के निशान से लगभग एक मीटर ऊपर बह रही हैं और कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं।मौसम विभाग ने प्रदेश के 46 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिनमें से 19 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।

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