श्रावण मास के पावन अवसर पर काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव जी का दिव्य हरियाली एवं हिम श्रृंगार बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ। इस विशेष आयोजन में बाबा को बर्फ की सिल्ली से सजाया गया, जिससे उनका हिम श्रृंगार अत्यंत मनोहारी रूप में भक्तों के सामने प्रकट हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत बाबा कालभैरव जी की पंचामृत स्नान विधि से हुई, जिसे 11 ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न कराया गया। इसके उपरांत बाबा को स्वर्ण मुखौटा, चांदी का छत्र एवं अष्टधातु की सजावट के साथ विराजमान किया गया। मुख्य द्वार को अशोक की पत्तियों, कामिनी पत्तियों, रंग-बिरंगे फूलों और विद्युत झालरों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। आयोजन स्थल का पूरा वातावरण भक्तिमय और आलोकित रहा। प्रातः 3 बजे से मंगला आरती तथा रात्रि 12 बजे महाआरती सेवक पवन उपाध्याय द्वारा सम्पन्न की गई। रात्रि को देर तक प्रसिद्ध भजन गायकों ने भक्ति रस से सराबोर एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी, जिस पर श्रद्धालु भक्त भावविभोर होकर झूम उठे। महाकाल एवं अमरनाथ जी की झांकी इस आयोजन की विशेष आकर्षण रही।