जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार यह कहते हैं कि "गरीब का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी मिल जानी चाहिए," वहीं दूसरी ओर उनके ही आगमन की तैयारियों में लगे दर्जनों मजदूरों के साथ गंभीर शोषण का मामला सामने आया है।2 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र में निर्धारित है। इसी कार्यक्रम के तहत रोहनिया थाना क्षेत्र के मोहनसराय स्थित करनाडाड़ी में राजनंदिनी इंटरप्राइजेज द्वारा सड़क और सीआरसी कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन इस कार्य में लगे लगभग 60 मजदूरों का मेहनताना अब तक नहीं दिया गया, जिससे उनमें गहरा आक्रोश है।बस्ती निवासी सुनील समेत कई मजदूरों ने बताया कि वे 1 जुलाई से 18 जुलाई तक एक डिफरेंट कंपनी के लिए काम कर रहे थे, और उसके बाद 19 जुलाई से राजनंदिनी इंटरप्राइजेज के अधीन कार्य किया। फोर्ड कंपनी के सुपरवाइजर द्वारा यह कहा गया था कि प्रधानमंत्री के आगमन के चलते काम जल्दी पूरा करना है और "एक भी पैसा बकाया नहीं रहेगा"— इस आश्वासन पर मजदूरों ने 24 घंटे की शिफ्ट में लगातार काम किया।राजनंदिनी के सुपरवाइजरों में दिनेश शिंदे, रंजन और राजेश के नाम सामने आए हैं।
मजदूरों का कहना है कि काम पूरा हो जाने के बावजूद उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया।मजदूरों का आरोप है कि उन्होंने बीते तीन दिनों से संबंधित थाने में शिकायत की है, लेकिन पुलिस या प्रशासन की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मजदूरों की मांग है कि प्रशासन तत्काल हस्तक्षेप कर उनका बकाया भुगतान करवाए, जो कि अनुमानतः 10 से 12 लाख रुपये तक का है, ताकि वे अपने घर लौट सकें।