आईआईटी BHU वाराणसी के 14वें दीक्षांत समारोह में इसरो ISRO के चेयरमैन वी. नारायणन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत के सैटेलाइट्स अब केवल अनुसंधान ही नहीं, बल्कि देश की रक्षा में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इसरो के सैटेलाइट्स ने बेहतरीन और सटीक काम किया। नारायणन ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में स्पेस सेक्टर की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि 2035 तक भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 मिशन पर काम चल रहा है। उन्होंने गर्व से कहा कि भारत ही ऐसा देश है जिसने चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग कराई और वहां से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कीं।समारोह में इसरो प्रमुख वी. नारायणन और आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रो. अमित पात्रा ने मेधावी छात्रों को मेडल और डिग्री प्रदान कीं। केमिकल इंजीनियरिंग की छात्रा अनन्या सिंह को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। अनन्या ने कुल 17 पुरस्कार 13 स्वर्ण, 1 रजत और 3 अन्य पुरस्कार अपने नाम किए, जो किसी भी छात्र द्वारा अब तक प्राप्त सबसे अधिक सम्मान हैं। डायरेक्टर गोल्ड मेडल मैथेमैटिकल साइंसेज़ विभाग के आदित्य कुलकर्णी और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सूयश विजय को मिला।
इस दीक्षांत समारोह में कुल 1,979 छात्रों को डिग्रियां दी गईं, जबकि 62 मेधावी छात्रों को 123 पुरस्कार और मेडल से सम्मानित किया गया। इनमें 97 गोल्ड, 2 सिल्वर और 24 अन्य पुरस्कार शामिल हैं। समारोह के दौरान वी. नारायणन ने कहा कि आईआईटी बीएचयू धरती पर एक खूबसूरत संस्थान है और यहां पढ़ना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को जीवन के नए अध्याय की शुरुआत पर शुभकामनाएं दीं।