वरिष्ठ संगीतकार पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन के बाद उनकी तेहरवीं को लेकर परिवार में विवाद सामने आया है। पंडित जी का निधन 2 अक्टूबर को हुआ था और उनका शव मिर्जापुर से वाराणसी लाया गया। अंतिम संस्कार उनके बेटे रामकुमार ने किया।लेकिन मात्र तीन दिन बाद, बेटे रामकुमार ने तेहरवीं का आयोजन करने का एलान कर दिया। इसी बीच बेटी नम्रता मिश्रा ने भी पंडित जी की तेहरवीं के लिए आमंत्रण पत्र बाँटना शुरू कर दिया। इसके चलते पंडित छन्नूलाल मिश्रा की तेहरवीं दो स्थानों पर आयोजित होगी — रामकुमार दुर्गाकुंड स्थित अंधविद्यालय में और नम्रता रोहनिया स्थित पिताजी के आवास पर।बेटी नम्रता ने कहा कि उनके पिता का छोटी गैबी स्थित आवास पहले ही रामकुमार ने बेच दिया था, और अंतिम संस्कार के बाद वे दिल्ली चले गए।
उन्होंने दावा किया कि पिता का फर्ज पूरा करना उनका कर्तव्य है, इसलिए उन्होंने तेहरवीं का आयोजन और कार्ड वितरण शुरू किया।इस पूरे मामले पर काशी का विद्वत समाज ने आपत्ति जताई है और कहा कि एक ही व्यक्ति की तेहरवीं दो अलग-अलग स्थानों पर करना शास्त्र सम्मत नहीं है।वाराणसी के छोटी गैबी स्थित पंडित जी के आवास में आज भी सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन उनके अंतिम संस्कार और तेहरवीं को लेकर परिवारिक विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है।