दहेज प्रताड़ना और दुष्कर्म के गंभीर आरोपों के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने चौबेपुर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना करने का आदेश दिया है। यह आदेश धौरहरा, चौबेपुर निवासी विवाहिता ज्योति बरनवाल के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया गया।ज्योति बरनवाल ने अपने अधिवक्ता विकास सिंह के माध्यम से अदालत में बताया कि उसकी शादी 25 जनवरी 2003 को कन्हैया लाल बरनवाल से हुई थी। शादी के बाद ससुराल में उसे पति, सास सुषमा बरनवाल, ससुर नंदकिशोर बरनवाल, देवर अतुल बरनवाल और देवरानी समीक्षा बरनवाल द्वारा लगातार मारपीट और दहेज की मांग के चलते प्रताड़ित किया जाता रहा।
इसके अलावा उसके ममेरे भाई अर्पण और अनुज तथा उनकी पत्नी नीलम बरनवाल भी इस यातना में शामिल थे।ज्योति ने आरोप लगाया कि देवर अतुल बरनवाल ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए और विरोध करने पर उसके पुत्र-पुत्री के सामने मारपीट कर उसे कमरे में बंद कर दिया जाता था। इस प्रताड़ना और यौनशोषण के चलते 17 जुलाई 2025 को उसे बुरी तरह पीटा गया, जिससे गंभीर चोटें आईं और वह अचेत हो गई।इसके बाद ज्योति को उसके पुत्र-पुत्री ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब चौबेपुर पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो उसने अदालत का रुख किया। अदालत ने उसके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कर पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने का आदेश दे दिया।

