बदायूं में डूडा विभाग की सहायक परियोजना अधिकारी के घर हुई 60 लाख रुपये की सनसनीखेज लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस हाईप्रोफाइल वारदात का मास्टरमाइंड महिला अफसर के घर पर अक्सर ऑनलाइन सामान डिलीवर करने वाला डिलीवरी बॉय निकला। पुलिस ने वारदात के पांच दिन बाद आरोपी को मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया।पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी डेविड उर्फ शोएब महिला अफसर के घर पर नियमित रूप से ऑनलाइन ऑर्डर डिलीवर करता था। इसी दौरान उसे पता चला कि महिला अफसर घर में अकेली रहती हैं। इसके बाद उसने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची।
घटना 20 दिसंबर की शाम करीब 6:45 बजे की है। डूडा विभाग में सहायक परियोजना अधिकारी प्रीति वर्मा गौरीशंकर मंदिर से दर्शन कर घर लौट रही थीं। जैसे ही वह सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र की रेगलिया कॉलोनी स्थित अपने घर के गेट पर पहुंचीं, तभी मुंह बांधे चार युवक पीछे से आए और उनसे एक पता पूछने लगे। महिला ने मना किया और गेट खोलने लगीं, तभी आरोपियों ने उन्हें धक्का देकर घर के अंदर खींच लिया।आरोपियों ने महिला को गन पॉइंट पर लिया, मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और हाथ-पैर बांधकर कुर्सी से बांध दिया। बदमाशों ने धमकी दी कि चिल्लाने पर जान से मार देंगे। इसके बाद घर से लाइसेंसी पिस्टल, आईपैड, दो आईफोन, 2.35 लाख रुपये नकद और करीब 50 लाख रुपये के जेवरात लूटकर फरार हो गए।
बदमाशों के जाने के बाद महिला किसी तरह खुद को छुड़ाकर पड़ोसियों के घर पहुंचीं और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिसमें आरोपी कैद हुए।23 दिसंबर को पुलिस ने डेविड के तीन साथियों दीपक, संतोष और जसविंदर को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मास्टरमाइंड फरार हो गया था। 25 दिसंबर की रात कुलचौरा-अलापुर रोड पर डेविड की लोकेशन मिली। घेराबंदी के दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग की, जवाबी कार्रवाई में उसके पैर में गोली लगी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।पीड़िता प्रीति वर्मा ने बताया कि वह 2006 से बदायूं में तैनात हैं और वर्तमान में सस्पेंड चल रही हैं। पति से अलग रहने के कारण वह अकेली रहती थीं। वारदात की जानकारी मिलते ही एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह के निर्देश पर कई टीमें गठित की गईं। पुलिस अब लूटे गए सामान की बरामदगी और मामले की आगे की जांच में जुटी है।

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