यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान कफ सिरप मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। समाजवादी पार्टी के आरोपों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि प्रश्न उठाने से पहले पूरा अध्ययन कर के आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुद्दा कोडीन कफ सिरप का उठाया जा रहा है, लेकिन प्रदेश में इससे किसी भी तरह की मौत नहीं हुई है।सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2016 में कोडीन कफ सिरप के सबसे बड़े होलसेलर को लाइसेंस तत्कालीन सपा सरकार ने दिया था।
नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पढ़ाई-लिखाई से उनका कोई वास्ता नहीं है, इसलिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। अखिलेश यादव के ‘सिरप माफियाओं पर बुलडोजर चलाने’ के बयान पर सीएम ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है, समय आने पर बुलडोजर की कार्रवाई भी होगी, उस वक्त चिल्लाना नहीं।इस दौरान मुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश में दो ‘नमूने’ हैं—एक दिल्ली में और एक लखनऊ में बैठते हैं। जब देश में किसी मुद्दे पर चर्चा होती है तो वे देश छोड़कर चले जाते हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा ही हाल ‘बउआ’ का भी है, जो फिर इंग्लैंड सैर-सपाटे पर चले जाएंगे और बाकी लोग यहां शोर मचाते रहेंगे।सीएम के बयान के करीब 40 मिनट बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पलटवार किया।
उन्होंने लिखा—“आत्म-स्वीकृति… किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली-लखनऊ की लड़ाई यहां तक पहुंच जाएगी। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को मर्यादा के भीतर रहना चाहिए।”इसके बाद नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय खड़े हुए और मुख्यमंत्री की भाषा पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सीएम ने ‘दो नमूने’ कहकर अखिलेश यादव और राहुल गांधी पर टिप्पणी की है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया है, आप खुद पर क्यों ले रहे हैं।अध्यक्ष की टिप्पणी के बाद सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। समझाने के बावजूद हंगामा नहीं थमा तो अध्यक्ष ने कहा कि आप गलत बयानी कर रहे हैं। यदि सैकड़ों मौतों का आरोप है तो उनके नाम बताइए। इसके बाद नाराज सपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर लिया।

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