दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) कम किए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह आदेश राजधानी में लगातार खराब होती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए दिया।
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है, ऐसे में एयर प्यूरीफायर अब विलासिता की वस्तु नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यक उपकरण बन गया है। इसके बावजूद इस पर अधिक जीएसटी लगाया जा रहा है, जिससे आम लोगों के लिए इसे खरीदना मुश्किल हो रहा है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वायु प्रदूषण से नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है और ऐसे हालात में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह जरूरी उपकरणों को आम जनता की पहुंच में लाने के उपाय करे। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है।हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अब यह देखना अहम होगा कि केंद्र सरकार एयर प्यूरीफायर को आवश्यक वस्तु मानते हुए जीएसटी दर में किसी तरह की राहत देने पर क्या रुख अपनाती है।

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