पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को वाराणसी की अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। अमिताभ ठाकुर पर चौक थाने में दर्ज आपराधिक मुकदमे के तहत सोशल और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए जनप्रतिनिधियों की छवि धूमिल करने के आरोप हैं। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि अम्बरीश सिंह (भोला) की शिकायत पर चौक थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया और अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से झूठे और मनगढ़ंत आरोपों का प्रसार कर समाज में भ्रम और वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया गया।सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन के तर्कों को स्वीकार करते हुए कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और अजमानतीय श्रेणी में आते हैं।
कोर्ट ने यह भी माना कि इस तरह के कृत्यों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय व्यक्तियों की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है।मामले की सुनवाई के दौरान अमिताभ ठाकुर स्वयं अदालत में उपस्थित हुए और जमानत दिए जाने की मांग की। हालांकि, अदालत ने समस्त तथ्यों, अभियुक्त के पूर्व रिकॉर्ड और प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जमानत के लिए पर्याप्त आधार नहीं पाया और याचिका खारिज कर दी।अब मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।
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