गोरखपुर शहर को यातायात की बड़ी सौगात मिल गई। शहर को नया गोरखनाथ ओवरब्रिज मिल गया, जिससे जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इस रूट पर पहले से मौजूद ओवरब्रिज के साथ अब दूसरा पुल भी बनकर तैयार हो गया है। इसके साथ ही गोरखपुर शहर को अपना पहला डबल लेन ओवरब्रिज मिल गया।नए ओवरब्रिज में दोनों दिशाओं के लिए अलग-अलग लेन बनाई गई हैं। लेन-1 गोरखनाथ मंदिर से धर्मशाला की ओर जाएगी, जबकि लेन-2 धर्मशाला से गोरखनाथ मंदिर की ओर यातायात के लिए निर्धारित है। इससे ट्रैफिक का दबाव काफी हद तक कम होगा।
ओवरब्रिज के निर्माण में रेलवे लाइन के ऊपर 76 मीटर लंबे स्टील स्पॉन लगाए गए हैं। इन भारी-भरकम गर्डरों का वजन करीब 750 टन है। तकनीकी रूप से यह परियोजना काफी चुनौतीपूर्ण रही, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 दिसंबर को गोरखनाथ ओवरब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इस ओवरब्रिज से गोरखपुर शहर के करीब 10 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा नेपाल सीमा तक जाने वाले मार्ग पर भी कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे व्यापार और आवागमन को मजबूती मिलेगी।
दरअसल, लखनऊ–गोरखपुर रेल मार्ग पर डोमिनगढ़ और गोरखपुर जंक्शन के बीच पहले से बना ओवरब्रिज लगातार जाम का बड़ा कारण बन रहा था। इसी समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान नए ओवरब्रिज के निर्माण के निर्देश दिए थे।इसके बाद उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड, गोरखपुर इकाई ने इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की और निर्माण कार्य को गति दी। अब ओवरब्रिज के शुरू होने से गोरखपुर शहर को जाम से राहत मिलने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था भी पहले से कहीं ज्यादा सुगम हो जाएगी

.jpeg)
