लखनऊ राजधानी में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया, जहां एक पूर्व अफसर की पत्नी डिजिटल अरेस्ट गिरोह का शिकार होने से बाल-बाल बच गईं। जालसाजों ने बुजुर्ग महिला को दिल्ली ब्लास्ट में फंसाने की धमकी देकर 1.14 करोड़ रुपये की मांग की, लेकिन बैंक अधिकारियों की सतर्कता से समय रहते ठगी नाकाम हो गई।विकास नगर निवासी उषा शुक्ला (74) के पति लोक निर्माण विभाग (PWD) में अधिकारी थे, जिनका आठ साल पहले निधन हो चुका है। उनका बेटा एक निजी बैंक में कार्यरत है। 11 दिसंबर को उषा शुक्ला के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को जांच एजेंसी से जुड़ा अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके मोबाइल नंबर और बैंक खातों से मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और दिल्ली ब्लास्ट के आरोपियों को पैसा भेजा गया है।
जालसाजों ने गिरफ्तारी, घंटों पूछताछ और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। जांच के नाम पर उनसे एफडी और खातों की पूरी जानकारी ले ली गई। इसके बाद खातों में जमा सारी रकम भेजने को कहा गया और जांच पूरी होने के बाद पैसे लौटाने का भरोसा दिया गया। डर और घबराहट में उषा शुक्ला 1.14 करोड़ रुपये की 12 एफडी तुड़वाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की विकास नगर स्थित मामा चौराहा शाखा पहुंच गईं।बैंक में इतनी बड़ी रकम निकालने की बात सुनकर डिप्टी मैनेजर को शक हुआ। बुजुर्ग महिला डरी-सहमी थीं और सवाल पूछने पर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थीं। बैंक अधिकारियों ने उन्हें केबिन में बुलाकर बातचीत की। महिला ने एक खाता संख्या दी, जो संदिग्ध लगी। बैंक कर्मियों ने जानबूझकर गलत खाता संख्या बताई और सही जानकारी लाने को कहा। इसके बाद महिला बाहर जाकर फोन पर किसी से चुपचाप बात करने लगी, जिससे ठगी की आशंका और पुख्ता हो गई।
इसके बाद बैंक अधिकारियों ने काफी देर तक महिला की काउंसलिंग की और हर तरह की मदद का भरोसा दिलाया। तब महिला ने बताया कि उसे डरा-धमकाकर पैसे की मांग की जा रही है। मामले की जानकारी तत्काल पुलिस को दी गई। बैंक कर्मचारियों की मदद से महिला को आईसीआईसीआई बैंक और सेंट्रल बैंक भेजकर उनके अन्य खातों को भी फ्रीज करा दिया गया, ताकि कोई रकम निकाली न जा सके।पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि साइबर जालसाजों ने महिला का मोबाइल फोन भी हैक कर रखा था। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और साइबर ठगों का पता लगाने में जुटी है।

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