काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम शंकर ने कड़ाके की सर्दी को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि ठंड का मौसम विशेष रूप से हृदय रोगियों, बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस दौरान थोड़ी-सी लापरवाही भी बड़े खतरे का कारण बन सकती है।डॉ. ओम शंकर ने बताया कि सर्दी में शरीर के तापमान को नियंत्रित करना कठिन हो जाता है। बच्चों में तापमान नियंत्रण की क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिससे उन्हें संक्रमण और बीमारियों का खतरा अधिक रहता है।
वहीं ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग से पीड़ित लोगों में ठंड के कारण रक्तचाप अचानक बढ़ सकता है, जिससे सांस की दिक्कत, हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।उन्होंने कहा कि गांवों में प्रचलित कहावत— “माघ का महीना सबसे खतरनाक होता है”— आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है, क्योंकि इस समय पड़ने वाली भीषण ठंड का सीधा असर जीवन पर पड़ता है।डॉ. ओम शंकर ने सर्दी से बचाव के लिए कई परतों में कपड़े पहनने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि पहले थर्मल, फिर स्वेटर और उसके ऊपर जैकेट या कोट पहनना चाहिए, ताकि शरीर का तापमान सुरक्षित रहे।
इसके साथ ही गर्दन ढकने, मोज़े और जूते पहनकर ही बाहर निकलने की भी सलाह दी।सुबह की सैर को लेकर उन्होंने विशेष रूप से सावधान किया। डॉ. ओम शंकर ने कहा कि अत्यधिक ठंड में सुबह-सुबह टहलने जाना हृदय रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है और हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है। सैर के लिए तभी निकलें जब धूप निकल आए।इसके अलावा सुबह ठंडे पानी से स्नान करने से भी ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक या हार्ट फेल्योर की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि आस्था और धार्मिक भावनाएं महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीवन की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।

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