राजस्थान में अरावली पर्वत श्रृंखला में खनन को मंजूरी दिए जाने के फैसले के खिलाफ सोमवार को प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। कांग्रेस और विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने इस निर्णय को पर्यावरण के लिए घातक बताते हुए सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।उदयपुर में प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया, जहां पुलिस के साथ उनकी धक्का-मुक्की हो गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने अरावली को बचाने और खनन की अनुमति रद्द करने की मांग उठाई।
सीकर जिले में 945 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हर्ष पर्वत पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान के पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद जरूरी है और यहां खनन से जलस्तर, वन्यजीव और जलवायु पर गंभीर असर पड़ेगा।अलवर में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अरावली राजस्थान के लिए फेफड़ों के समान है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि खनन की अनुमति वापस नहीं ली गई तो कांग्रेस प्रदेशभर में उग्र आंदोलन करेगी।
जोधपुर में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान बेरिकेड्स पर चढ़कर विरोध जताया। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद भीड़ को खदेड़ा गया।प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुए इन प्रदर्शनों से साफ है कि अरावली में खनन का मुद्दा अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से बड़ा रूप लेता जा रहा है। विपक्ष और पर्यावरण संगठनों ने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

.jpeg)
