भारत और भूटान में स्विट्जरलैंड की राजदूत माया तिस्साफी दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने भारत के पहले शहरी रोपवे परियोजना का निरीक्षण किया, जिसका निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के तत्वावधान में स्विट्जरलैंड की कंपनी बार्थलेट द्वारा किया जा रहा है।निरीक्षण के दौरान राजदूत माया तिस्साफी ने परियोजना की प्रगति की सराहना करते हुए इसे शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
उन्होंने कहा कि वाराणसी रोपवे परियोजना न केवल यातायात व्यवस्था को सुगम बनाएगी, बल्कि भीड़भाड़ को कम करने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी नई गति प्रदान करेगी।राजदूत ने कहा कि संकरी गलियों वाले प्राचीन शहर वाराणसी में रोपवे जैसी आधुनिक परिवहन व्यवस्था शहरी गतिशीलता में एक साहसिक और अभिनव कदम है। यह परियोजना शहर के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्वरूप को संरक्षित रखते हुए आधुनिक विकास का उत्कृष्ट उदाहरण है।
उन्होंने यह भी कहा कि रोपवे के माध्यम से हवाई दृश्य का अनुभव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिससे काशी की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी। इस पहल से श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों दोनों को सुरक्षित, सुगम और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा मिलेगी।निरीक्षण के दौरान एनएचएलएमएल के अधिकारी एवं परियोजना से जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ भी मौजूद रहे, जिन्होंने राजदूत को रोपवे परियोजना की विशेषताओं और प्रगति की जानकारी दी।

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