कड़ाके की ठंड के बीच सड़कों पर ठिठुर रहे जरूरतमंदों की सुध लेने के लिए देर रात जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल स्वयं सड़कों पर उतरे। यह औचक निरीक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत किया गया, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर न हो।देर रात जिलाधिकारी ने सिकरौल, परमानंदपुर और पांडेयपुर चौराहा क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने रैन बसेरों के साथ-साथ सड़कों के किनारे तथा पांडेयपुर फ्लाईओवर के नीचे रह रहे लोगों से बातचीत कर उनकी स्थिति जानी। डीएम ने खुले में रहने वाले लोगों से अपील की कि जिनके पास आवास की व्यवस्था नहीं है, वे नजदीकी रैन बसेरों में रात्रि विश्राम करें।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने रैन बसेरों में उपलब्ध सुविधाओं की गहन पड़ताल की। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की असुविधा न हो। स्वच्छ बिस्तर, नियमित सफाई, शौचालय की समुचित व्यवस्था और पर्याप्त अलाव की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए।बढ़ती ठंड को देखते हुए डीएम ने अलाव की स्थिति का भी निरीक्षण किया और साफ-सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही, स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मच्छरों से बचाव के लिए नियमित एंटी-लार्वा छिड़काव कराने को कहा गया।जिलाधिकारी ने विशेष रूप से निर्देशित किया कि रैन बसेरों में परिवारों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग एवं सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल भी मौजूद रहे। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था पर लगातार निगरानी रखी जाए और जरूरतमंदों को हर संभव राहत प्रदान की जाए।जिलाधिकारी ने आम जनता से भी अपील की कि यदि कहीं कोई व्यक्ति ठंड में परेशान या खुले आसमान के नीचे सोता हुआ दिखाई दे, तो इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें, ताकि समय रहते उसकी मदद की जा सके। उन्होंने दोहराया कि प्रशासन का लक्ष्य मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित करना है कि वाराणसी में कोई भी व्यक्ति ठंड के कारण सड़क पर रात न बिताए।

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