वाराणसी के विश्वप्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट पर अवैध अतिक्रमण को लेकर डोम राजा परिवार का आक्रोश शनिवार को खुलकर सामने आ गया। अतिक्रमण नहीं हटने से नाराज डोम राजा परिवार ने शवों के अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। प्रशासन और नगर निगम को पहले से दिए गए 72 घंटे के अल्टीमेटम के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर परिजनों को शव लौटाने की स्थिति भी बन गई।डोम राजा परिवार ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द मणिकर्णिका घाट को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया, तो काशी में शवदाह पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
परिवार ने साफ कहा कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के बाद ही शवदाह शुरू किया जाएगा। मामले की जानकारी मिलते ही एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान मौके पर पहुंचे और डोम राजा परिवार को समझाने में जुटे रहे।डोम राजा परिवार के सदस्य विश्वनाथ चौधरी ने बताया कि मणिकर्णिका गेट से लेकर अंतिम संस्कार स्थल तक बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। इससे शवदाह के लिए आने वाले श्रद्धालुओं और परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि डोम राजा परिवार कई पीढ़ियों से मणिकर्णिका घाट पर शवदाह की परंपरा निभाता आ रहा है, लेकिन कुछ लोगों ने नाजायज तरीके से घाट की जमीन पर कब्जा कर लिया है।
विश्वनाथ चौधरी का आरोप है कि मसान में जहां उनका स्टाफ विश्राम करता था, वहां लकड़ी रखकर जबरन कब्जा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि डोम राजा परिवार का स्टाफ 24 घंटे शवदाह की सेवा में लगा रहता है और घाट पर ही रहता है, लेकिन अतिक्रमण के चलते कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।डोम राजा परिवार ने बताया कि इस मामले को लेकर वह दो बार नगर आयुक्त से मिलकर प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर से भी मुलाकात कर लिखित शिकायत दी गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।उन्होंने दो टूक कहा कि यदि दाह संस्कार स्थल को तत्काल कब्जा मुक्त नहीं कराया गया तो वे कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे और शवदाह पूरी तरह बंद कर देंगे। उन्होंने इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन और नगर निगम पर डालते हुए कहा कि पहले ही 72 घंटे का समय दिया गया था, इसके बावजूद हालात जस के तस हैं।

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