राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पहले तीन सरसंघचालकों के जीवन और कार्यों पर आधारित नाटक “संघ गंगा के तीन भगीरथ” का प्रभावशाली मंचन तारा रानी फाउंडेशन, पुणे द्वारा किया गया। यह नाटक संघ के संस्थापक डॉ. केशव बळीराम हेडगेवार, द्वितीय सरसंघचालक प.पू. श्री गुरुजी (एम.एस. गोलवलकर) और तृतीय सरसंघचालक बाळासाहेब देवरस के राष्ट्रनिर्माण में योगदान को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।नाटक का आरंभ डॉ. हेडगेवार के बाल्यकाल से होता है, जहाँ उनके शिक्षक नानाजी वझे के माध्यम से उनके व्यक्तित्व, देशभक्ति और छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरणा को दर्शाया गया। कठिन परिस्थितियों में डॉक्टर बनने से लेकर संघ स्थापना, सामाजिक समरसता और राष्ट्रवादी विचारों का सशक्त चित्रण किया गया। भारत माता के रूप में सूत्रधारिका की भूमिका ने पूरे नाटक को भावनात्मक और वैचारिक रूप से जोड़े रखा।
महात्मा गांधी और डॉ. हेडगेवार की भेंट, संघ की स्थापना, नेतृत्व हस्तांतरण, कश्मीर विलय, संघ पर प्रतिबंध, आपातकाल, सत्याग्रह, मीसा बंदी और राम जन्मभूमि आंदोलन जैसे ऐतिहासिक प्रसंगों को 1889 से 1996 की कालावधि में समेटते हुए नाटक ने दर्शकों को इतिहास की यात्रा कराई। वंदे मातरम् के उद्घोष, भगवा ध्वज और संघ घोष के समन्वय ने वातावरण को ओजपूर्ण बना दिया।डॉ. हेडगेवार की भूमिका में मनीष ऊईके, प.पू. गुरुजी के रूप में एड. रमण सेनाड और बाळासाहेब देवरस की भूमिका में यशवंत चोपडे के सशक्त अभिनय ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत माता की भूमिका मीनल मुंडले ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से निभाई।नाटक का लेखन श्रीधर गाडगे ने किया, निर्देशन संजय पेंडसे का रहा, जबकि निर्मात्री सारिका पेंडसे हैं। संगीत डॉ. भाग्यश्री चिटणीस तथा नेपथ्य सतीश पेंडसे द्वारा रचा गया। निर्माण में एड. रमण सेनाड, नीलिमा बावणे और अरुणा पुरोहित का योगदान रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि रमेश जी, डॉ. अजीत सेगल, डॉ. संजय मेहता, रामवीर शर्मा एवं दीन दयाल पाण्डेय द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। प्रांत प्रचारक रमेश जी ने कहा कि संघ के शताब्दी वर्ष में प्रथम तीन सरसंघचालकों के जीवनकार्य को मंच पर देखना स्वयंसेवकों के लिए गौरव का विषय है।समापन अवसर पर कलाकारों का सम्मान वीरेंद्र जायसवाल (क्षेत्र कार्यवाह, रा.स्व.संघ) एवं भाजपा नेता महेश चंद श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन महानगर सह महामंत्री अर्पित सीधोरे ने किया, जबकि दिनेश श्रीवास्तव, प्रमोद पाठक, नवीन चंद्र एवं विशाल विश्वकर्मा ने सहयोग प्रदान किया।नाटक ने “संघगंगा” को एक सतत, अनादि और राष्ट्रसेवा के प्रवाह के रूप में प्रभावी ढंग से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया।

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