केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार को नेक्स्ट जेनरेशन सिविल हेलिकॉप्टर ध्रुव-NG को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस हेलिकॉप्टर का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया गया है। उड़ान से पहले मंत्री ने पायलट के साथ कॉकपिट में बैठकर हेलिकॉप्टर के सिस्टम और फीचर्स की भी जानकारी ली।अधिकारियों के अनुसार ध्रुव-NG एक परिष्कृत 5.5 टन का हल्का, ट्विन-इंजन, मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर है, जिसे भारत के विविध और कठिन भौगोलिक हालात को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। यह ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों, रेगिस्तानी इलाकों और समुद्री क्षेत्रों में प्रभावी संचालन में सक्षम है।
अब तक ध्रुव हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल मुख्य रूप से सशस्त्र बलों की जरूरतों के लिए किया जाता रहा है। ध्रुव-NG के सिविल वर्जन के साथ अब आम नागरिक भी इसमें सफर कर सकेंगे। इसका उद्देश्य मेडिकल इमरजेंसी, एयर एम्बुलेंस सेवाएं, पर्यटन, दूरदराज के इलाकों की कनेक्टिविटी और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर सेवाओं को बढ़ावा देना है।इससे पहले भारतीय सेना ध्रुव हेलिकॉप्टर का उपयोग पहाड़ी, रेगिस्तानी और समुद्री इलाकों में अपने विभिन्न अभियानों के लिए करती रही है। अब इसका सिविल संस्करण देश की नागरिक उड्डयन क्षमताओं को नई मजबूती देगा।
HAL तेजी से बढ़ते सिविल और यूटिलिटी हेलिकॉप्टर बाजार पर विशेष फोकस कर रही है। सूत्रों के मुताबिक एयर एम्बुलेंस, ऑफशोर ऑपरेशंस, आपदा राहत और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के क्षेत्र में मांग लगातार बढ़ रही है। इसी को देखते हुए HAL सैन्य प्लेटफॉर्म से आगे बढ़कर सिविल एविएशन बाजार में अपनी मौजूदगी मजबूत करना चाहती है।ध्रुव-NG की पहली उड़ान को भारत के स्वदेशी रोटरी-विंग विमान कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। साथ ही इसे सिविल एविएशन सेक्टर में HAL की दीर्घकालिक रणनीति की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

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