दुर्गा मंदिर संगीत समारोह की छठी निशा लोक और शास्त्रीय संगीत की विधाओं के दिग्गज कलाकारों ने भगवती का संगीतार्चन किया। गुरुवार की शाम संगीत की सुमधुर लहरियों से आनंदित होकर इंद्रदेव ने भी वर्षा के रूप में अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। शायद यही कारण था कि एक तरफ भगवती के शिखर का वर्षा की बूंदे जलाभिषेक कर रही थीं तो दूसरी तरफ काशी सहित अन्य शहरों से आगत कलाकार देवी का संगीताभिषेक कर रहे थे। स्वाति मिश्रा ने पहली बार मां कूष्मांडा के दरबार में हाजिरी लगाई। जैसे ही मंच से उनके नाम की उद्घोषणा हुई आदिशक्ति का दरबार हरहर महादेव के घोष से गुंजायमान हो उठा। स्वाति मिश्रा ने पारंपरिक पचरा और देवीगीतों के साथ ही श्रोताओं की मांग पर अपना बहुचर्चित गीत भी प्रस्तुत किया।
इस निशा में बनारस कथक घराने के कलाकारों पं माता प्रसाद, पं रविशंकर तथा डॉ ममता टंडन ने कथक पर तिगलबंदी पेश की। अंत में तीनों कलाकारों ने भगवती के नौदुर्गा स्वरूप पर केंद्रित प्रस्तुति से दर्शकों की विशेष प्रशंसा अर्जित की। उनके साथ तबल पर भोलानाथ मिश्रा, प्रीतम मिश्रा, गायन पर गौरव मिश्रा, सारंगी पर अंकित मिश्रा एवं बोल पढ़न्त पर कंचन मिश्र ने साथ दियाम
बीएचयू के संगीत एवं मंच कला संकाय की प्रो. संगीता पंडित ने भी मातारानी के दरबार में सुरीली उपस्थिति दर्ज कराई। छठी निशा का शुभारंभ काशी के ट्यून विथ रिदम समूह के वाद्यवृंद की प्रस्तुति की रही। कार्यक्रम का संयोजन एवं कलाकारों का स्वागत पं. विकास दुबे ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से महंत राजनाथ दुबे, चंदन दुबे, किशन दुबे आदि उपस्थित रहे।